TOP GUIDELINES OF HINDI KAHANI

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बड़े होने पर श्रीकृष्ण द्वारका के राजा बने. गरीब सुदामा एक झोंपड़ी में रहते थे.

अतः उसने निश्चय किया कि वह फिर से घौसला बनाने के कार्य में पूरी सिद्धत से लग जायेगी.

जब तक आप नियमित और दृढ़ हैं, आप हमेशा जीतेंगे, चाहे आपकी गति कुछ भी हो। आलस्य और घमंड हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, इससे दूर रहा चाहिए।

खेत का मालिक मुह उतारकर आकाश में उड़ती हुई कुरज को एकटक देखता रहा.

मेरे कुछ भी घाटा नही पड़ेगा, पर पहले कुरज को छोड़ दे.

मंत्री ने सभी को हल कर दिया. राजा ने यह सोचकर कि इस राजा को हराना कठिन हैं अपनी सेनाएं हटा ली.

इतने में कुछ बच्चे और गुरुजी दौड़ते हुए आए. शीला के साहस की बात चारों और फ़ैल गईं. सभी ने उसकी प्रशंसा की.

किन्तु मृत्य के भय से उनके पैर नही उठ रहे थे, मौत की घड़ियों को कुछ समय टालने के लिए इधर-उधर भटकता रहा.

दूसरा व्यक्ति तत्काल चिल्ला उठा- महाराज यह बिलकुल झूठ बोल रहा हैं. यह भूमि इसके भाग में नही बल्कि मेरे भाग में आती हैं, इसलिए इसका असली मालिक मैं हूँ.

देथा जी की अन्य लघु कथाएं मैं बातां री फुलवारी,प्रेरणा,सोरठा,रूँख,कबू रानी,बापु के तीन हत्यारे विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.

मुझे अपने बल पर पूरा भरोसा हैं. शीघ्र ही उसका नाश नही किया तो बाद में असाध्य रोग की तरह ताकतवर हो जाएगा.

उस रात के स्वप्न के बाद वह बालक रोजाना रात को छिप छिपकर पढ़ने लगा.

मै ही तुम्हारा राजा हू. तुम्हे जो बात कहनी हैं, मुझसे कहो. भासुरक चोर हैं, तुम में से चार खरगोश यही रह जाओ,

चोरी की चप्पल (मथुरा में) मोहल्ले के एक चौराहे की चाय की दुकान पर सिगरेट फूँकतें चमन बाबू उस समय चौंक गये जब पूरा मोहल्ला एक ही ओर भागने लगा। चमन बाबू ने चाय वाले से पूछा,"अरे का हेगो?" ...

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